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Story of Maha Shivratri Vrat Katha महाशिवरात्रि व्रत कथा महाशिवरात्रि व्रत कथा

                                     महाशिवरात्रि व्रत कथा


आज हम आपको बताएंगे महाशिवरात्रि व्रत की कथा. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से सौभाग्य और महादेव का आशीर्वाद प्रपात होता है।

    किंवदंतियों के अनुसार, एक शिकारी था जो जंगल में अपने पेट की भूख के कारण 
  अपने शिकार का लक्ष्य रखते हुए अनजाने में बेलपत्र दरख़्त के ऊपर चढ़कर परीक्षा करने लगा और बार बार पातो को तुड़ करे शिवलिंग पार चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा करता था। उसकी भक्ति से भोले बाबा प्रसन्न होकर भगवान शिव ने शिकारी के पापों को क्षमा कर दिया और उसे वरदान मे मुक्ति प्रदान की। यह कहानी महा शिवरात्रि पर भक्ति और विश्वास के महत्व का प्रतीक है 

एक अन्य लोकप्रिय किंवदंती माता देवी पार्वती द्वारा भगवान शिव 

 भोले बाबा का प्रेम जीतने के लिए व्रत रखने की कहानी है। उनके समर्पण से प्रभावित होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। यह कहानी हिंदू संस्कृति में वैवाहिक आनंद और एकता के महत्व पर जोर देती है। पति पत्नी के रिश्ते को सुंदर बनाती है l

महा शिवरात्रि पर, भक्त अपनी आत्मा को शुद्ध करने और मंतर साधना सफल बनाने के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए उपवास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को समर्पण और पवित्रता के साथ करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख समृद्धि आती है।

तो, इस शुभ दिन पर, आइए हम सभी भक्तिपूर्वक उपवास करें और भगवान शिव से उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।

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